दंतेवाड़ा - आदिवासियों की हितैषी होने का ढोंग रचने वाली भाजपा का असली चेहरा अब सामने आ चुका है। दंतेवाड़ा जिले में भाजपा के ही स्थानीय व ग्रामीण आदिवासी नेता राजेश कश्यप को सिर्फ सच्चाई कहने और क्षेत्र में विकास कार्यों के ठप रहने की वास्तविकता बताने पर भाजपा जिला द्वारा नोटिस जारी किया गया है। यह घटना स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि भाजपा संगठन में आदिवासी नेताओं को न केवल दबाया जा रहा है, बल्कि उन्हें सच्चाई बोलने पर प्रताड़ित भी किया जा रहा है।वहीं दूसरी ओर, जब सामान्य वर्ग के रसूखदार भाजपा नेता संगठन और सरकार के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी करते हैं, तब उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। यह भाजपा के दोहरे मापदंड और आदिवासियों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैये को उजागर करता है।जिला कांग्रेस कमेटी महामंत्री विमल सलाम ने कहा कि भाजपा सिर्फ आदिवासी समाज का उपयोग वोट बैंक के रूप में करती है, लेकिन जब कोई आदिवासी नेता सच बोलता है तो उसे अपमानित किया जाता है। कांग्रेस पार्टी सदैव आदिवासी समाज के सम्मान और अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है।भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या आदिवासी नेताओं को संगठन में केवल प्रतीक के रूप में रखा गया है या उन्हें समान सम्मान देने की उनकी कोई मंशा भी है।मुख्यमंत्री आदिवासी, मंत्री आदिवासी, संसद सदस्य आदिवासी, विधायक आदिवासी होने के बावजूद भाजपा अपने ही आदिवासी नेताओं और पदाधिकारियों का अपमान करने से बाज नहीं आ रही है। यह साबित करता है कि भाजपा के लिए आदिवासी केवल सत्ता की सीढ़ी हैं, सम्मान और अधिकारों के भागीदार नहीं।
भाजपा में आदिवासी नेताओं का अपमान और दमन — आदिवासियों की हितैषी होने का ढोंग बेनकाब - विमल सलाम
धर्मेन्द्र यादव
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