रायपुर/धरसीवां - छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, शाखा धरसींवा ने नाबार्ड के सहयोग से धरसींवा विकासखंड के ग्राम परसतराई में एक सफल वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन कर ग्रामीण समुदाय में नई उम्मीद जगाई है। इस महत्वपूर्ण पहल का लक्ष्य ग्रामीणों को बैंक की सेवाओं, सरकारी वित्तीय योजनाओं और सुरक्षित डिजिटल भुगतान के तरीकों के प्रति जागरूक करके उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है।
वित्तीय साक्षरता ग्रामीण विकास की आधारशिला - नवीन शर्मा कार्यक्रम में शाखा प्रबंधक नवीन शर्मा ने अपने प्रभावी उद्बोधन में ग्रामीणों को वित्तीय साक्षरता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "वित्तीय साक्षरता आज ग्रामीण विकास की आधारशिला है। जब ग्रामीण जागरूक होंगे, तभी वे सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ ले पाएंगे और आर्थिक रूप से मजबूत बन सकेंगे। श्री शर्मा ने ग्रामीणों को बैंक की प्रमुख योजनाओं जैसे जनधन खाता, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से ऋण सुविधा, स्वयं सहायता समूह (SHG) के लिए उपलब्ध ऋण योजनाएँ, और विभिन्न बीमा योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से डिजिटल पेमेंट माध्यमों - UPI, AEPS, और Rupay Card के उपयोग और उनसे होने वाले समय और श्रम की बचत के फायदों को समझाया।
वित्तीय समावेशन के साथ-साथ, इस आयोजन में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत महत्वपूर्ण संदेश भी दिया गया। बैंक अधिकारियों ने ग्रामीणों को भ्रष्टाचार के विरुद्ध सजग रहने और ईमानदारी तथा पारदर्शिता के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।
डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए, श्री शर्मा और बैंक अधिकारियों ने कड़ा संदेश दिया कि ग्रामीण कभी भी अपना OTP या बैंक विवरण किसी के साथ साझा न करें। उन्होंने फिशिंग कॉल से सावधान रहने और केवल सुरक्षित मोबाइल ऐप्स का ही इस्तेमाल करने की सख्त सलाह दी। श्री शर्मा ने जोर देकर कहा, "डिजिटल बैंकिंग से सुविधा मिलती है, लेकिन इसके साथ ही हमें उतनी ही अधिक सतर्कता भी रखनी होगी।
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