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भांसी पंचायत में शासन की लापरवाही और अधिकारियों की मिलीभगत का बड़ा मामला आया सामने

दंतेवाड़ा/भांसी- जिले के भांसी पंचायत में शासन की लापरवाही और अधिकारियों की मिलीभगत का बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति ने पटवारी भवन पर कब्जा कर उसमें मुर्गा दुकान खोल लिया, यही नहीं, भवन के बगल की शासकीय जमीन पर अवैध रूप से घर का निर्माण भी किया जा रहा है।जिसके मद्दे नजर रखके हुए ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच और पटवारी की मिलीभगत से यह कब्जा किया गया है। वहीं, शासकीय स्थिति की की बात की जय तो ग्रामीणों का कहना है कि एसडीएम और तहसीलदार को इस पूरे मामले की जानकारी होने के बावजूद भी कही न कही राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई करने से बच रहे हैं।

सरकारी जमीन पर खुली दुकान और घर का निर्माण

ग्रामीणों ने बताया कि भांसी गांव में स्थित पटवारी भवन को कब्जा कर उसमें मुर्गा दुकान संचालित की जा रही है। इसके साथ ही सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त खुलेआम चल रही है।
कुछ दिन पहले ही पंचायत भवन के सामने की सरकारी जमीन को सरपंच और गांव के कुछ लोगों ने पैसा देकर “खरीद” लिया है और अब उस पर प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत मकान बनाने की तैयारी चल रही है।

पटवारी पर गंभीर आरोप

ग्रामीणों का आरोप है कि पटवारी की मिलीभगत से ही यह पूरा खेल चल रहा है। पटवारी न केवल अवैध कब्जे पर आंख मूंदे बैठी हैं, बल्कि बताया जा रहा है कि पटवारी भवन को किराए पर देकर पैसा भी वसूल रही हैं।


प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

गांववालों ने बताया कि बचेली एसडीएम और तहसीलदार को भी इस अवैध कब्जे की जानकारी है। कुछ माह पहले सड़क किनारे अन्य अवैध कब्जों को हटाया गया था, लेकिन इस मुर्गा दुकान को खाली नहीं करवाया गया। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन की नीयत पर सवाल खड़े हैं।

ग्रामीणों में रोष

ग्रामीणों का कहना है कि वे सालों से गांव में रह रहे हैं, लेकिन जब वे अपने पक्के घर का निर्माण करते हैं, तो पटवारी उन्हें रोक देती हैं और तहसील कार्यालय में पेशी करवाती हैं। जबकि सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण करने वालों को खुली छूट दी जा रही है।

एनएमडीसी प्लांट से जुड़ा मामला भी बताया जा रहा

गांव के कुछ लोगों का कहना है कि भांसी क्षेत्र में एनएमडीसी का प्लांट प्रस्तावित है, और इसी कारण प्रशासन गांव में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने से बचता है। अधिकारियों को डर है कि यदि कार्रवाई की गई तो प्लांट के विरोध की स्थिति बन सकती है।

पीएम आवास योजना में भी अनियमितता

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पंचायत में सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को भी पीएम आवास का लाभ दिया गया है, जो कि नियमों के विरुद्ध है।

मामला जांच योग्य

यह पूरा मामला गंभीर अनियमितता और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। प्रशासन को तत्काल इस मामले की जांच कराते हुए पटवारी भवन में संचालित मुर्गा दुकान को खाली करवाना चाहिए और शासकीय जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण पर रोक लगानी चाहिए।

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