छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के पश्चात प्रथम बार धमतरी जिले के कृषक श्री थनेन्द्र साहू, ग्राम-हथबंध, वि.ख.-कुरूद, जिला-धमतरी को राज्य स्तरीय स्तरीय कृषक अलंकरण डॉ. खूबचंद बघेल पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है। श्री साहू 33 वर्ष के युवा किसान है। 4.16 हे. रकबे में धान की खेती की जाती है, जिसमें सुगंधित धान नगरी दूबराज, देवभोग, तुलसी मंजरी जंवाफूल, कबीर भोग एवं विशेष तौर से विगत 7 वर्षो से औषधीय धान-रेड राईस, ब्लैक राईस, की खेती की जा रही है, जिसकी बाजार में विशेष मांग है। जिसका विक्रय राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों में किया जा रहा है।
खेत के मेड़ों पर दलहन/तिलहन फसल भी लिया जाता है। विगत वर्षो से गौ आधारित प्राकृतिक खाद जीवामृत, घनजीवामृत एवं कीटनाशक नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र एवं आग्नेयास्त्र घर पर ही तैयार कर स्वयं के द्वारा उपयोग किया जाता है, जिससे खेती में होने वाले कृषि लागत में कमी आती है, एवं पर्यावरण पर दुष्प्रभाव भी कम प्रभाव पड़ता है। जिले के साथ-साथ रायपुर, दुर्ग, बालोद, एवं गरियाबंद जिले के कृषक भी सम्पर्क कर इनके जैविक आदानों का उपयोग करते है। साथ ही पशुपालन एवं मशरूम उत्पादन के माध्यम से अतिरिक्त आय प्राप्त होती है।
जैविक उत्पाद को कृषि विभाग एवं अन्य विभाग के माध्यम से मेला में स्टाल लगाकर विक्रय किया जाता है। राज्य एवं राज्य के बाहर ऑनलाईन चांवल एवं धान के बीज भी विक्रय किया जाता है, विगत वर्षो में औषधीय धान की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए फार्म स्कूल का आयोजन भी कृषि विभाग में संचालित आत्मा योजनान्तर्गत किया गया है, जिसमें अन्य 25 कृषकों को भी प्रेरित किया गया। इस कार्य के लिए विकासखण्ड स्तर, जिला स्तर एवं राज्य स्तर में डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री, छ.ग. शासन द्वारा सम्मानित किया गया।
कृषि विभाग अन्तर्गत ग्राम में साहू जी द्वारा नव युवक कृषक अभिरूचि समूह का निर्माण कर युवा किसानों में प्राकृतिक एवं औषधीय धान की खेती के प्रति जागरूक कर प्राकृतिक एवं औषधीय धान की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा ने कहा कि —
श्री थनेंद्र साहू ने जैविक औऱ औषधीय खेती के क्षेत्र में जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है Iहमें गर्व है कि धमतरी जिले के युवा किसान को राज्य स्तर पर यह सम्मान मिला है।”
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