दंतेवाड़ा - दंतेवाड़ा बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की असीम कृपा का एक अद्भुत प्रसंग सामने आया है। करपावंड गांव की नीलावती का नवजात पुत्र जन्म के तुरंत बाद मृत घोषित कर दिया गया था। खुशी मातम में बदली, पर मां ने उम्मीद नहीं छोड़ी और मां दंतेश्वरी की तस्वीर के सामने घंटों बैठकर प्रार्थना की। उसने प्रण लिया कि जीवन लौटने पर वह दीप घुटना यात्रा कर मंदिर आएगी।
जब जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी और बच्चे का दिल धड़कना बंद हो चुका था, तभी घंटों की आर्तनाद भरी पुकार के बाद चमत्कारिक ढंग से शिशु की सांसें लौट आईं। छह महीने बाद, शारदीय नवरात्र के अवसर पर, नीलावती अपने स्वस्थ बच्चे के साथ दंतेवाड़ा पहुंची। कृतज्ञ हृदय से उसने हाथों में दीप लेकर, घुटनों के बल यात्रा करते हुए, मां दंतेश्वरी के दरबार में अपना प्रण पूरा किया। यह घटना बस्तर में आस्था और चमत्कार का अमर प्रतीक बन गई है।
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