न्यूज रिपोर्टर मोहम्मद उस्मान सैफी
अवैध कबाड़ का धंधा इन दिनों क्षेत्र में फल-फूल रहा है । बिना डर भय के चोरी के माल कबाड़ी वाले बड़े-बड़े कंपनियों में खपाया जा रहा है । इसकी जानकारी क्षेत्रीय थाना ,चौकी से लेकर उच्च अधिकारी तक को है । लेकिन सब कुछ जान कर भी इन कबाड़ी वाले के ऊपर कारवाही नहीं हो रही है । कबाड़ियों को राजनीति संरक्षण भी है जिसके चलते इन दिनों कबाड़ का अवैध कारोबार जोरों पर है। जानकारों की मानें तो मेंन रोड में जय महाकाला ढा़बा रैता, कुथरेल, में स्थित है जहां रैता के कबाड़ी के यहां सीधे ट्रेलर व हाईवा से लोहे निकाल कर अवैध रूप से खरीदी जा रहे हैं , जिन्हें प्रशासन का कोई खौफ नहीं है। यही कारण है कि यह कबाड़ी चैबीसों घंटे शासन-प्रशासन और जनता को चूना लगा रहे है। इस बात से जनता काफी परेशान है क्योंकि सार्वजनिक जगहों से जरूरत की चीजों को क्षति तो पहुंचाया ही जाता है साथ ही लोगों की निजी सम्पत्तियों की भी चोरी हो जाती है जो चोरों द्वारा कबाड़ियों को ही बेंचा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि औद्योगिक क्षेत्र में कबाड़ व्यवसाय पर अंकुश नही लग पा रही है, जिससे लोगों के नवनिर्मित भवनों, सार्वजनिक स्थलों में लोग अपनी जरूरत की चीजों पर हाथ साफ करने में इन दिनों चोर और कबाड़ी चारों ओर सक्रिय हैं जिसके कारण चोर लोहे, तांबे और प्लस्टिक के सामानों को चुरा कर कबाड़ियों को बेच देते हैं।
सार्वजनिक जगहों में लगे लोहे की चीजों को काटकर क्षति पहुंचाया जा रहा है। इस समय अपने अवैध कारोबार को खूब फैला रखें हैं, उनके इस कार्य में अंकुश न लगने पर ऐसा प्रतित होता है कि शायद पुलिस प्रशासन की अंदरूनी सहमति मिली हुई है, यही कारण है कि पुलिस के नाक के नीचे कबाड़ी धड़ल्ले से काम को अंजाम देते हैं। ज्यादातर कबाड़ी रात के अंधेरे में उद्योगों के खड़ी गाड़ियों एवं उनके आस-पास के क्षेत्रों में शक्रिय है। इनके खेल को दिन -रात क्षेत्रों में देखा जा सकता है, आधी कीमत पर कबाड़ियों को बेंच देते हैं। वहीं पुलिस द्वारा इनके खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की जा रही जिससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि इन्हे मूक सहमति।
पूर्व में इस जय महाकाल ढा़बा रैता में ढा़बे के साथ साथ अवैध शराब का कारोबार चला रहा था ,बार -बार ग्रामीणो की शिकायत करने पर इस ढा़बे को बंद कराया गया था, लेकिन अब कि बार उससे बड़े कारोबार जो अवैध कबाड़ी जहां रोजाना हजारों का लोहा,तांबा, कम्पनियों से निकलने वाली गाड़ियों सिधे अंदर घुसा कर गाड़ियों से अवैध रूप से खरीदी की जा रहे हैं।और इस कारोबार को करने वाले को किसी भी बात की डर नहीं है अगर कुछ ग्रामीण कोई शिकायत की बात करता है तो वह बोलता है कि कौन मेरा क्या कर लेगा।आप को जिससे शिकायत करना है कर लो।
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